सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने रविवार को कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा की कमी देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमज़ोर किए जाने का संकेत है। अन्ना ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई का दावा करती है लेकिन कानून में भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों के अनुसार संशोधन किया जा रहा है।