24 सितंबर 1932 को डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में एक विशेष समझौता हुआ था जिसे 'पूना पैक्ट' के नाम से जाना जाता है। इसके तहत दलितों को प्रांतीय विधानमंडलों की 148 सीटों पर आरक्षण का अधिकार मिला था। इस मुद्दे को लेकर गांधी और अंबेडकर के बीच काफी बहस हुई थी।